TadkaBright || दोस्तों आज का ये आर्टिकल बहुत ज्यादा खास और बहुत ज्यादा लम्बा होने वाला है क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम कनेक्टिंग टू इंटरनेट (इन्टरनेट से जुड़ना) जानेंगे -
कनेक्टिंग टू इंटरनेट (इन्टरनेट से जुड़ना) | Connecting To Internet
इंटरनेट कनेक्शन के प्रकार (Types Of Internet Connection)
एक बार जब आप अपने कंप्यूटर की स्थापना करते हैं तो आप इंटरनेट एक्सेस पाना चाहेंगे ताकि आप ईमेल भेज सकें‚ईमेल प्राप्त कर सके‚ बेव को ब्राउज़र कर सके‚ मूवी देख सके आदि। इंटरनेट को एक्सेस करने के लिए आपको तीन जीवो की जरूरत होगी एक इंटरनेट सेवा एक मॉडेम एवं एक वेब ब्राउजर।
इंटरनेट कनेक्शन सेवाओं के कुछ आम प्रकार हैं (Some common types of Internet connection services are) :
डायल-अप (Dial-Up): डायल-अप आमतौर पर सबसे धीमी गति का इंटरनेट कनेक्शन है और आजकल प्रचलित है। एक फोन कॉल की तरह‚ एक डायल- आप मॉडेम एक नंबर डायल करके इंटरनेट से जुड़ जाएगा‚ और जब आप वेब सर्फिंग खत्म कर चुके होंगे तो यह डिस्कनेक्ट हो जाएगा।
डीएसएल (DSL): डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन सेवा एक ब्रांड बैंड कनेक्शन है डायल अप से अधिक तेज है। डीएसएल फोन लाइन के माध्यम से इंटरनेट से कनेक्ट करते हैं लेकिन इसके लिए आपको घर पर लैंडलाइन होने की आवश्यकता नहीं है। डायल अप के विपरीत‚ यह एक बार सेटअप होने के बाद हमेशा कनेक्टेड रहता है और आप इसके साथ फोन लाइन भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
केबल (Cable): केवल सेवा केबल टीवी के माध्यम से इंटरनेट से कनेक्ट करती है। यद्पि इसे पाने के लिए केबल टीवी की जरूरत नहीं है यह एक ब्रांड बैंड कनेक्शन का उपयोग करता है और दोनों डायल अब और डीएसएल सेवा की तुलना में तेज होता है। हालांकि‚ यह उन्हीं स्थानों पर उपलब्ध हो सकता है जहां केवल टीवी होता है।
उपग्रह (Satellite): एक कनेक्शन ब्रांड बैंड का उपयोग करता है‚ लेकिन केवल या फोन लाइनों की आवश्यकता नहीं है। यह पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे उपग्रह के माध्यम से इंटरनेट को जोड़ता है‚ परिणाम स्वरूप यह लगभग दुनिया में कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन कनेक्शन मौसम की वजह से प्रभावित हो सकता है। एक उपग्रह कनेक्शन थोड़ी देर से डाटा संचार करता है इसलिए उपग्रह करेक्शन उन लोगों के लिए बहुत अच्छा विकल्प नहीं है जो रियल टाइम एप्लीकेशन‚ जैसे गेमिंग वीडियो कॉन्फ्रेसिंग‚ का उपयोग करते हैं।
3G और 4G: 3G और 4G सेवा सबसे अधिक मोबाइल फोन और टेबलेट कंप्यूटर के साथ प्रयोग किया जा रहा है। यह आपके मोबाइल फोन या टेबलेट कंप्यूटर को आईएसपी (इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर) के माध्यम से वायरलेस तरीके से जोड़ता है यदि आपके पास एक उपकरण है जो 3G या 4G सक्षम है‚ तो आप इंटरनेट घर से बाहर भी इस्तेमाल कर पाएंगे तब भी जब वहां कोई वाईफाई कनेक्शन नहीं है।
डायल- अप कनेक्शन (Dial Up Connection) -
डायल आप एक सेवा है जो एक मानक टेलीफोन लाइन के माध्यम से इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करती है। आप टेलीफोन लाइन के एक चोर को आपके कंप्यूटर के मॉडेम में कनेक्ट करके और दूसरे छोर को फोन जैक में डाल कर कंप्यूटर को एक विशेष नंबर डायल करने के लिए कॉन्फ़िगर (वह नंबर जो आपके सर्विस प्रोवाइडर के द्वारा प्रदान किया गया है) करके‚ अपने कंप्यूटर पर इंटरनेट को एक्सेस कर सकते हैं।डायल अप आधारित इंटरनेट सेवा प्राप्त करने के लिए एक व्यक्ति को मिश्रित रूप से एक कंप्यूटर और उससे भी अधिक महत्वपूर्ण एक मॉडेम होना चाहिए। मॉडेम विभिन्न प्रकार के होते हैं‚और ज्यादातर महंगे नहीं होते हैं । मॉडेम कंप्यूटर पर सॉफ्टवेयर द्वारा नियंत्रित किया जाता है तथा एक टेलीफोन लाइन से जुड़ा हुआ होता है।
डायल अप इंटरनेट में आप इंटरनेट और टेलीफोन का उपयोग एक साथ नहीं कर सकते हैं क्योंकि टेलीफोन एक चोर मॉडेम से जुड़ा हुआ है और दूसरे छोर फोन आउटलेट में होता है।
मॉडेम (Modem) -
मॉडेम एक डिवाइस या तो राम है जो डाटा संचारित करने के लिए एक कंप्यूटर को सक्षम बनाता है‚उदाहरण के तौर पर डाटा को संचारित टेलीफोन या केवल लाइन पर किया जा सकता है। कंप्यूटर में जानकारी डिजिटल फॉर्म में संग्रहित की जाती है जबकि जबकि टेलीफोन लाइनों पर इंफॉर्मेशन एनालॉग बेब्स में संचालित की जाती है। मॉडेम यही काम करता है-डिजिटल इंफॉर्मेशन को एनालॉग इंफॉर्मेशन में एवं एनालॉग इंफॉर्मेशन तो डिजिटल इंफॉर्मेशन में परिवर्तित करता है मॉडेम (modem).modulator-decmodulator का सशक्त रूप है।
एक मॉडेम कंप्यूटर से बाहर जाने वाले डिजिटल signal को एनालॉग सिगनल्स में modulate एवं कंप्यूटर के अंदर आने वाले एनालॉग सिगनल्स को डिजिटल सिगनल्स में demodulate करता है। मॉडेम भिन्न प्रकार के होते हैं‚ कुछ नीचे दिए जा रहे हैं:
एक मॉडेम कंप्यूटर से बाहर जाने वाले डिजिटल signal को एनालॉग सिगनल्स में modulate एवं कंप्यूटर के अंदर आने वाले एनालॉग सिगनल्स को डिजिटल सिगनल्स में demodulate करता है। मॉडेम भिन्न प्रकार के होते हैं‚ कुछ नीचे दिए जा रहे हैं:
आंतरिक मॉडेम (Internal Modem) -
आंतरिक मॉडेम डेस्कटॉप या लैपटॉप कंप्यूटर में स्थापित होता हो जो नेटवर्क पर जुड़े कंप्यूटरों के साथ संवाद करने के लिए काम आता है इंटरनल मॉडेम बाहरी मॉडेम सस्ते होते हैं क्योंकि इनको पावर आपूर्ति व chasers की जरूरत नहीं होती है। डायल अप और वाईफाई आंतरिक मॉडेम के दो प्रकार हैं। डायल अप मॉडेम एक टेलीफोन केबल पर काम करता है‚उसे नेटवर्क कनेक्टेड टेलीफोन की आवश्यकता होती है और कनेक्शन स्थापित करने के लिए प्रमाणित परिचय चाहिए होता है वाईफाई मॉडेम नेटवर्क से बिना किसी प्रमाणित परिचय के कनेक्ट हो जाते हैं।
बाहरी मॉडेम (External Modem)
बाहरी मॉडेम‚मॉडेम स्थापित करने के लिए सबसे सरल तम प्रकार है। टेलीफोन लाइन मॉडेम के पीछे एक पैनल पर एक सॉकेट में प्लग हो जाती है। बाहरी मॉडेम अपनी स्वयं की बिजली आपूर्ति से माल करता है जिससे आप जब भी इंटरनेट कनेक्शन तोड़ना चाहे तो इसको बंद कर सकते हैं। इन मॉडेम के उदाहरण डीएसएल मॉडेम है जो ब्रॉडबैंड कनेक्शन में इस्तेमाल होते हैं ।
पीसी कार्ड मॉडेम (PC Card Modem) -
यह मॉडेम‚पोर्टेबल कंप्यूटर के लिए बनाया गया है‚एक क्रेडिट कार्ड के आकार के होते हैं और नोटबुक और हैंडहेल्ड कंप्यूटर पर पीसी कार्ड इस लॉट में फिट बैठते हैं। जब मॉडेम की जरूरत नहीं है तब हम इसको हटा सकते हैं। उनके आकार के लिए छोड़कर‚पीसी कार्ड मॉडेम वहां और आंतरिक मॉडेम एक संयोजन की तरह है। इन उपकरणों को पोर्टेबल कंप्यूटर में एक बाहरी स्लॉट में सीधे फिट कर दिया जाता है। टेलीफोन केबल के अलावा और किसी के बल की आवश्यकता नहीं है। यह कार्ड कंप्यूटर द्वारा संचालित होते हैं।
डी.एस.एल (डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन) | Digital Subscriber Line
डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन (डीएसएल‚मूल रूप से डिजिटल सब्सक्राइबर लूप) एक प्रौद्योगिकियों का समूह है जो कि डिजिटल डाटा को टेलीफोन लाइंस के द्वारा संचालित करने के लिए उपयोग में ली जाती है। डीएसएल ( डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन)
साधारण तांबे की टेलीफोन लाइनों द्वारा घरों और छोटे व्यवसायों को हाई इंफॉर्मेशन पहुंचाने की एक प्रौद्योगिकी है।
साधारण तांबे की टेलीफोन लाइनों द्वारा घरों और छोटे व्यवसायों को हाई इंफॉर्मेशन पहुंचाने की एक प्रौद्योगिकी है।
दूरसंचार विपणन (Telecommunication Marketing) में डीएसएल व्यापक रूप से असम मीटिंग डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन (एडीएसएल‚ asymmetric digital subscriber line)‚जोकि इंटरनेट एक्सेस की लिए सबसे आम इंस्टॉल्ड डीएसएल प्रौद्योगिकी है। के नाम से जाना जाता है। डीएसएल सेवा को टेलीफोन सेवा के साथ में इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि डीएसएल डाटा के लिए उच्च आवृत्ति बैंड का उपयोग करता है। ग्राहक परिसर में‚एक डीएसएल फिल्टर हर एक गैर डीएसएल आउटलेट पर‚उच्च आवृत्ति हस्तक्षेप को ब्लॉक कर देता है ताकि वॉइस (आवाज) एवं बीएसएनएल की सेवाएं एक साथ प्रदान की जा सके। उपभोक्ता डीएसएल सेवा की बीट रेट की सीमा 256kbit/s से 100mbit/s से ज्यादा होती है (उपभोक्ता की दिशा में - डाउन स्ट्रीम) - डीएसएल प्रौद्योगिकी‚लाइन की स्थिति एवं सेवा स्तर पर निर्भर करती हैं।
डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन एक तकनीक है जिसमें डिजिटल डाटा तो एनालॉग शाम में बदलने की जरूरत नहीं होती है। डिजिटल डाटा सीधे आपके कंप्यूटर में डिजिटल डाटा के रूप में प्रेषित किया जाता है जिससे फोन कंपनी के लिए डाटा संचालन के लिए एक बहुत व्यापक बैंड बिट्स का उपयोग करने की अनुमति देता है फिर भी अगर आप चाहे तो सिंगल को अलग किया जा सकता है ताकि कुछ बैंड वीडथ एनालॉग सिग्नल को संचालित करने में प्रयोग की जा सकती है इससे आप टेलीफोन व कंप्यूटर को सेम लाइन एवं सेम समय में इस्तेमाल कर सकते हैं।
केबल मॉडेम (Cable Modem)
एक केवल मॉडेम नेटवर्क ब्रिज का एक प्रकार और एक मॉडल है जो hybrid fiber coaxial (HFC) बा रेडियो आवृत्ति इंफ्रास्ट्रक्चर पर रेडियो आवृत्ति चैनल्स के द्वारा देसात्मक डेटा संचार प्रधान करता है। केबल मॉडेम मुख्य रूप से केबल इंटरनेट के रूप में ब्रांड बैंड इंटरनेट को प्रदान करने के लिए किया जाता है‚यह उच्च बैंड बैंड नेटवर्क का लाभ लेते हुए यह सेवा देता है।
एक केबल मॉडेम एक डिवाइस है जो केवल टीवी लाइन को पीसी से कनेक्ट करके 1.5 एमबीपीएस की दर से डाटा रिसीव करने की अनुमति प्रदान करता है। यह डाटा रेट (28 . 8 और 56 केबीपीएस)‚डिजिटल नेटवर्क एकीकृत सेवा (integrated services digital network– ISDN) की डाटा रेट ( 128kbps) से बहुत ज्यादा है एवं डीएसएल टेलीफोन सेवा से प्राप्त होने वाली रेट और रेट के लगभग बराबर है। एक केवल मॉडर्न टीवी को सेटअप बॉक्स के साथ कनेक्ट करके इंटरनेट एक्सेस के लिए यूज किया जा सकता है।
केवल कनेक्शन से टेलीफोन कनेक्शन के मुकाबले ना से तेज डाटा दर प्राप्त होती है बल्कि इंटरनेट का कनेक्शन भी निरंतर बना रहता है।
आई.एस.डी.एन. (ISDN) | Integrated Service Digital Network
डिजिटल नेटवर्क के लिए एकीकृत सेवा (आईएसडीएन ) कम्युनिकेशन मांगों का सेट है जो पब्लिक टेलीफोन नेटवर्क को यूज करके आवाज‚ वीडियो ‚डाटा को simultaneous रूप से डिजिटल संचारित करता है। आईएसडीएन की प्रमुख विशेषता यह है कि सेम लाइन पर 22 एवं डाटा तो संचालित करता है जो परंपरागत टेलीफोन लाइन में उपलब्ध नहीं था।
आईएसडीएन एक सर्किट टेलीफोन नेटवर्क प्रणाली है जो साधारण टेलीफोन तांबा बायर को इस्तेमाल करके वॉइस एवं डाटा को डिजिटल ट्रांसमिट (संचालन ) करने के लिए डिजाइन किया गया है‚परिणाम स्वरूप यह एनालॉग टेलीफोन लाइन के मुकाबले एक बेहतर वॉइस क्वालिटी प्रदान करता है।
आईएसडीएन किसी भी डाटा‚ बॉयस‚ वीडियो‚ फैक्स के मिश्रण (कॉन्बिनेशन) मैं कम से कम दो कनेक्शन एक लाइन पर डिलीवर कर सकता है‚इस लाइन पर एक से अधिक डिवाइस जोड़ी जा सकती हैं। आईएसडीएन अधिकतर लोगों की कम्युनिकेशन आवश्यकताओं का ध्यान रख सकता है (बहुत उच्च स्तर के ट्रांसमिशन रेट पर)‚बिना एक से अधिक एनालॉग लाइंस का कनेक्शन लिए।
नेटवर्क/ इंटरनेट डिवाइस (Network/Internet Device)
एक कंप्यूटर नेटवर्क यारा का नेटवर्क एक नेटवर्क है जिसके द्वारा कंप्यूटर आपस में डाटा का आदान-प्रदान कर सकते हैं। कंप्यूटर नेटवर्क में नेटवर्क कंप्यूटिंग डिवाइस नेटवर्क लिंक्स (डाटा कनेक्शन) पर डाटा का आदान प्रदान करते हैं नोट्स के बीच कनेक्शन केवल मीडिया या वायरलेस मीडिया का उपयोग कर स्थापित करते हैं। सबसे प्रसिद्ध कंप्यूटर नेटवर्क इंटरनेट है
नेटवर्क का इस्तेमाल इनमे निम्न के लिए किया जा रहा है (The network is being used for) :
1. संचार की सुविधा— ई-मेल‚ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग‚ त्वरित संदेश‚ आदि के माध्यम से
2. कई उपयोगकर्ताओं(multiple users) द्वारा एक हार्डवेयर डिवाइस (जैसे एक प्रिंटर स्कैनर) को साझा करने के लिए
3. फाइल शेयरिंग को नेटवर्क पर सक्षम करने के लिए
4. दुरस्त सिस्टम पर सॉफ्टवेयर या ऑपरेटिंग कार्यक्रमों के आदान-प्रदान के लिए अनुमति के लिए
5. जानकारी को आसान बनाने के लिए और जानकारी के एक्सेस को आसान बनाने के लिए
2. कई उपयोगकर्ताओं(multiple users) द्वारा एक हार्डवेयर डिवाइस (जैसे एक प्रिंटर स्कैनर) को साझा करने के लिए
3. फाइल शेयरिंग को नेटवर्क पर सक्षम करने के लिए
4. दुरस्त सिस्टम पर सॉफ्टवेयर या ऑपरेटिंग कार्यक्रमों के आदान-प्रदान के लिए अनुमति के लिए
5. जानकारी को आसान बनाने के लिए और जानकारी के एक्सेस को आसान बनाने के लिए
नेटवर्क उपकरण (डिवाइस) | Network Equipment
एक इंटरनेट डिवाइस एक उपकरण (टूल) है जिसका मुख्य कार्य इंटरनेट सेवा के एक्सेस (पहुंच) को आसान बनाना है जैसे कि www या ईमेल। बिन तरीके के डिवाइस कंप्यूटर नेटवर्क से कनेक्ट करने के लिए यूज किए जाते हैं‚ कुछ निम्न प्रकार हैं।
हब (HUB)
एक हम एक नेटवर्क में उपकरणों के लिए एक आम कनेक्शन बिंदु है। हब्स को सामान्यता एक लाइन के क्षेत्रों को कनेक्ट करने के लिए उपयोग किया जाता है एक हब में कई पास होते हैं जब एक डाटा पैकेट एक पोर्ट पर आता है तो यह बाकी पोर्ट्स पर कॉपी हो जाता है ताकि लैंड के सभी क्षेत्र उस डाटा पैकेट को एक्सेस कर सकें (देख सकें)
आमतौर पर‚ एक नेटवर्क हब एक निजी नेटवर्क‚ है जिसका स्थानीय कंप्यूटर (जिसका अर्थ है कोई इंटरनेट का उपयोग) के अलावा अन्य स्रोतों से कोई कनेक्शन नहीं है‚ के लिए प्रयोग किया जाता है। साथ ही‚ नेटवर्क बेड बेड सभी जुड़े हुए कंप्यूटरों (कनेक्टेड कंप्यूटर) के बीच विभाजित होती है। इसका अभिप्राय है कि जितने कंप्यूटर हब से जुड़े हुए होंगे हर कंप्यूटर को मिलने वाली बेड वृत्त उतनी ही कम हो जाएगी और कनेक्शन उतना ही धीमा हो जाएगा।
आमतौर पर‚ एक नेटवर्क हब एक निजी नेटवर्क‚ है जिसका स्थानीय कंप्यूटर (जिसका अर्थ है कोई इंटरनेट का उपयोग) के अलावा अन्य स्रोतों से कोई कनेक्शन नहीं है‚ के लिए प्रयोग किया जाता है। साथ ही‚ नेटवर्क बेड बेड सभी जुड़े हुए कंप्यूटरों (कनेक्टेड कंप्यूटर) के बीच विभाजित होती है। इसका अभिप्राय है कि जितने कंप्यूटर हब से जुड़े हुए होंगे हर कंप्यूटर को मिलने वाली बेड वृत्त उतनी ही कम हो जाएगी और कनेक्शन उतना ही धीमा हो जाएगा।
स्विच (Switch)
एक नेटवर्क स्विच(switching hub‚ bridging hub) एक कंप्यूटर नेटवर्किंग डिवाइस है जो एक से अधिक डिवाइस को कंप्यूटर नेटवर्क पर कनेक्ट करता है यह गंतव्य डिवाइस तक डाटा प्राप्त प्रोसेस फॉरवर्ड करने के लिए packet switching को यूज करता है। नेटवर्क स्विच सबसे बेहतर व उन्नत है क्योंकि यह डाटा को उसी port पर फॉरवर्ड करता है जिस पोर्ट को उसकी जरूरत होती है ना कि सभी पोर्टस को जैसा कि हब में होता है।
ब्रिज (Bridge)
एक ब्रिज दो नेटवर्क खंडो को मिलाने में काम आता है यह सेंटम्स पर कनेक्टेड कंप्यूटर को एक दूसरे के संसाधन (रिसोर्सेज) एक्सेस करने में मदद करता है उसकी सहायता से एक लाज नेटवर्क को छोटे-छोटे सिम्टम्स में भी विभाजित किया जा सकता है।
राउटर (Router)
एक नेटवर्क राउटर एक स्विच या हब से बिल्कुल अलग है इसका मुख्य कार्य डाटा पैकेट स्कोर दूसरे नेटवर्क पर रूट करना है‚ लोकल कंप्यूटर के बजाय। एक राउटर आसानी से घरों एवं बिजनेस में पाया जाता है क्योंकि यह आपके नेटवर्क को दूसरे नेटवर्क इससे संचार (इंटरनेट सहित) करने में सहायता करता है। रूटर इंटरनेट पर यातायात निर्देशन(traffic direccting) का कार्य करते हैं। डाटा पैकेट एक राउटर से दूसरे राउटर पर तब तक भेजा जाता है जब तक वह अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच जाता है।रूटिंग टेबल
राउटर के अंदर इंफॉर्मेशन के लिए टेबल्स होती हैं जिसे रूटिंग टेबल कहते हैं। यह टेबल सभी जानने पहचानने नेटवर्क एड्रेस का ट्रैक रखती हैं‚ उनके पहुंचने का रास्ता एवं उन तक पहुंचने की लागत (कास्ट) भी रखती है। राउटर पैकेट्स को उनके उपलब्ध रास्त‚ लागत के हिसाब से फॉरवर्ड करते हैं। रूटिंग टेबल राउटर का अहम हिस्सा होता है जिसके बिना राउटर को यह पता नहीं लगता कि जो पैकेट उसने प्राप्त किया है वह कहां पहुंचाना है।
एक बुनियादी रूटिंग तालिका में निम्नलिखित जानकारी शामिल है
➢ गंतव्य: पैकेट के अंतिम गंतव्य के आईपी पते (IP address)
➢ अगले हॉप (नेक्स्ट हॉप) : आईपी पते जहां पैकेट फॉरवर्ड करना है
➢ इंटरफ़ेस: आउटगोइंग नेटवर्क इंटरफेस जो डिवाइस को यूज करना है पैकेट को अगले हो या अंतिम गंतव्य के लिए
➢ मेट्रिक: प्रत्येक उपलब्ध मार के लिए एक लागत प्रदान करती है जिससे सबसे अधिक लागत प्रभावी रास्ता चुना जा सकता है
➢ रूट्स: इसमें शामिल है डायरेक्टली attached नहीं है लेकिन एक या एक से ज्यादा हॉट्स के द्वारा एक्सेस किए जा सकते हैं या फिर डिफॉल्ट रूट को लेना जब इंफॉर्मेशन उपलब्ध नहीं हो।
गेटवे (Gateway)
एक नेटवर्क गेटवे एक इंटर नेटवर्किंग सिस्टम है जिसके द्वारा ऐसे दो नेटवर्क को जोड़ा (ज्वाइन) जा सकता है जो अलग-अलग देश प्रोटोकॉल्स इस्तेमाल करते हैं। एक नेटवर्क गेटवे को पूरी तरह से सॉफ्टवेयर‚ हार्डवेयर धोने के मिश्रण(कॉन्बिनेशन) से लागू(implement) किया जा सकता है।
एक गेटवे हमें अलग-अलग नेटवर्क में प्रवेश देता है जिससे हम ईमेल भेज सकते हैं‚ वेबपेजेस को देख सकते हैं‚ ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं आदि।
सबसे आम उपयोग गेटवे का ईकॉमर्स में देखा जाता है जहाँ बैंक्स सुरक्षित वितीय आदान प्रदान के लिए पेमेंट गेटवे का इस्तेमाल करते है।
कनेक्टिंग टू इंटरनेट (इन्टरनेट से जुड़ना) लगभग आप जान ही गए होंगे इसके अलावा भी इंटरनेट का उपयोग होता है जो निम्न प्रकार निचे दिए गए है अगर हम इस आर्टिकल में सभी क्षेत्र बताएँगे तो ये बहुत बड़ा हो जायेगा और आप इसे पड़ते पड़ते बोर हो जाओगे इस्सलिये अब अन्य क्षेत्रों को अलग अलग आर्टिकल में बताया है -
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Written & Posted By - Manish Kumar Gangotri || TadkaBright.Com
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