केवल प्रथम वर्ष के लिए प्रमोशन, अन्य कक्षाओं के लिए परीक्षण ...
TadkaBright || दोस्तों कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो चुकी हैं ऐसे में दूसरे वर्ष भी लोगों की सुरक्षा को देखते हुए पूरे राजस्थान में राज्य सरकार द्वारा 11 मई से 24 मई तक लोकडाउन जारी किया जाएगा। और सभी विद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं स्थगित की गई है और सभी विद्यार्थी सामंजस्य में पड़े हुए हैं कि आगामी कक्षाओं की तैयारी करें या परीक्षा की तैयारी करें विद्यार्थियों की परेशानियों को देखते हुए कुछ फैसले लिए हैं।विश्वविद्यालय के पार्षद उच्च शिक्षा विभाग से करेंगे चर्चा
लगातार सभी कक्षाओं में प्रमोशन को उचित नहीं मानते शिक्षाविद्-
लॉकडाउन को देखते हुए विश्वविद्यालय सरकार और उच्च शिक्षा विभाग से चर्चा करेंगे। केवल प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमोट करने और बाकी कक्षाओं की परीक्षाएं कराने पर विश्वविद्यालयों का जोर रहेगा। हालांकि यह तभी होगा जब स्थिति सामान्य होगी।
"कोरोना संक्रमण के कारण राजस्थान समेत सभी प्रांतों में लगातार दूसरे साल हालात बदतर हैं। सभी प्रांतों में स्नातकोत्तर और स्नातकोत्तर परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं।
संक्रमण के हालात को देखते हुए कॉलेज और विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं कराना आसान नहीं है।
पिछले साल भी किया था प्रमोट-
कोरोना संक्रमण के कारण पिछले साल करीब 50 दिन लॉकडाउन रहा था। इसके चलते राज्य स्तर पर गठित उच्च स्तरीय समिति ने स्नातक प्रथम और द्वितीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर पूर्वार्द्ध के विद्यार्थियों को अगली कक्षाओं में प्रमोट करने का फैसला किया था जबकि तृतीय वर्ष और स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराई गई थीं।
लगातार प्रमोशन ठीक नहीं -
कोरोना संक्रमण के चलते हालात इस वर्ष ज्यादा खराब है। कलपतियों, शिक्षाविदों का मानना है कि विद्यार्थियों को लगातार दूसरे साल प्रमोशन देना ठीक नहीं है।
इससे उनकी शैक्षिक अभिरुचियों परफॉरमेंस और पढ़ाई पर असर पड़ेगा। लगातार दो साल प्रमीट होने से विश्वविद्यालयों के लिए भी उनका तृतीय वर्ष का रिजल्ट तैयार करना आसान नहीं होगा।
ऑनलाइन परीक्षा का विकल्प ही नहीं-
राजस्थान में 27 सरकारी विश्वविद्यालय हैं। इनमें 328 निजी सरकारी कॉलेज और 1852 संबद्ध राज्य हैं। उनमें से, 2020 21 के लिए स्नातक और स्नातकोत्तर अध्ययन परीक्षा आयोजित की जाएगी। किसी भी विश्वविद्यालय के पास ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने के विकल्प और संसाधन नहीं हैं।
इनका कहना है कि - लगातार दूसरे वर्ष छात्रों को प्रोत्साहित करना प्रभावी नहीं होगा। यह उनके प्रदर्शन और सीखने को प्रभावित करेगा। दो वर्षीय पाठ्यक्रम तीसरे वर्ष के मूल्यांकन को संभव बनाता है। परिस्थितियों को देखते हुए, प्रथम वर्ष के छात्रों को प्रोत्साहित करना केवल प्राकृतिक है। इस बारे में उच्च शिक्षा विभाग से बात करेंगे।
कुलपति करेंगे इन बिंदुओं पर चर्चा
(1) केवल प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों का द्वितीय वर्ष में प्रमोशन
(2) द्वितीय, तृतीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर पूर्वार्द्ध उत्तरोद्ध की हो परीक्षाएं
(3) विद्यार्थियों को अगली कक्षाओं में प्रोविजनल प्रवेश
(4) पढ़ाई परीक्षाओं में विलय के चलते छात्रसंघ चुनाव पर रोक
(5)यूजीसी और केंद्रीय शिक्षा विभाग से चर्चा
(6) जुलाई में सत्र की शुरुआत के साथ पढ़ाई
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Stay Home Stay Safe
Written by - Manish Kumar Gangotri
Posted by - Manish Kumar Gangotri | TadkaBright.Com
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