गर्भावस्था के दौरान गैस, एसिडिटी और उल्टी से कैसे निपटें
आपको बता दें की प्रेग्नेंसी के दौरान औरतों में प्रोजोस्ट्रॉन हार्मोन के बढ़ने से आतों में कुछ बदलाव होते है जिसकी वजह से औरतों को उल्टी, एसिडिटी और अल्सर जैसी समस्या झेलनी पड़ती है।
मिचली उल्टी:–
ये दिक्कत गर्भावस्था में लगभग 70 फीसदी औरतों को होती है जो की प्रेग्नेंसी के पहले महीने के आखिर से तीसरे महीने के आखिर तक रहती है। इसमें बार बार उल्टियां आती है। इस परिस्थिति में जरूरी है की डॉक्टर की सलाह से ही दवाइयां ली जाए क्योंकि गैर जरूरी दवाई गर्व में पलने वाले बच्चे और मां के लिए काफी खतरनाक सिद्ध हो सकती है।
साथ ही जो चीज उल्टी का कारण बनती है उनसे भी दूरी बनाना जरूरी है क्योंकि उल्टियों के बाद महिला में काफी कमजोरी आने लगती है और ऐसे वक्त में पैन किलर से दूरी बनाना काफी जरूरी है क्योंकि ये सीधे गर्भ में पल रहे बच्चे पर काफी दुष्प्रभाव डाल सकता है।
उल्टी लगातार आए या उल्टी में खून आए या फिर महिला का वजन लगभग 2.5 किलो से कम हो गया हो तो इस अवस्था में बिना देर किए सम्बन्धित डॉक्टर को दिखाना बेहद जरूरी हो जाता है।
एसिडिटी:–
तकरीबन 70 फीसदी औरते गर्व के वक्त इस परेशानी का सामना कृति है जो गर्भावस्था के छठे महीने के बाद से ज्यादा होती है। इसमें सामान्य तौर पर लक्षण पेट के ऊपरी हिस्से और छाती में जलन होती है एसिडिटी के वक्त खाना मुंह में आना मिचली जैसा मन होना और खांसी आना भी इसके लक्षण है।
ज्यादा तला और मिर्च मसाले वाला खाना न खाएं पैन किलर न ले खाने के तुरंत बाद पानी न पीएं। और अगर खानपान में परहेज के बाद भी दिक्कत होती है तो उस समय में डॉक्टर की सलाह लें।
अल्सर:–
अल्सर की समस्या बहुत कम होती है लेकिन ये सबसे ज्यादा खतरनाक भी होती है। ये प्रेग्नेंसी के दौरान हुई लापरवाहियों के चलते होती है जो उल्टी और काम भूल लगने को नजर अंदाज करने पर पैदा होती है, ज्यादातर पोस्टिक और न्यूट्रीशन से भरपूर फल और सब्जियों का सेवन गर्भवती औरतों को इससे लड़ने में सहायक बनाता है
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