कोरोना के बाद देश में बढ़ा ब्लैक फंगस इंफेक्शन का खतरा - TadkaBright.Com

 
Corona ke baad desh me bada black fungs injection ka khatra

कोरोना के बाद देश में बढ़ा ब्लैक फंगस इंफेक्शन का खतरा

दुनिया भर में कोरोना वायरस चर्म पर है ऐसे में लाखों लोग अब तक अपनी जिंदगी गवां चूक है और करोड़ों लोग अब तक इस वायरस की चपेट में आ चुके है और वहीं लाखों लोग आज भी कोरोना वायरस से अपनी जंग लड़ रहे है।

ऐसे में अभी तक कोरोना वायरस का खतरा टला नहीं था के अब ब्लैक फंगस का भी खतरा बढ़ रहा है। देश में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां कोरोना से उबरने वाले रोगियों में ब्लैक फंगस देखी जाती है। इन मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है क्योंकि देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं।

म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस क्या है?

अमेरिकी सीडीसी के अनुसार, म्यूकोरामाइकोसिस या काला कवक एक दुर्लभ कवक संक्रमण है। लेकिन यह एक गंभीर संक्रमण है, जो एक कवक या कवक समूह के कारण होता है। ये मोल्ड्स पूरे पर्यावरण में जीवित रहते हैं। ये साइनस या फेफड़ों को प्रभावित करता है जिसके चलते फेफड़े सांस लेना बंद कर देते है इसी इस्थिति में ही मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती हैं अगर ऑक्सीजन समय से न मिले तो मरीज अपनी जान भी गवां देते है।
कब दिखाई देते हैं इसके लक्षण?
 
मेडिकल भाषा में ब्लैक फंगस को म्योक्रोमाइकोसिस कहा जाता है इस बीमारी के चलते लोगों के आंखों की रोशनी चली जाती है। ऐसे ही कुछ मामले गुजरात से भी सामने आए है जिसके बाद अब तक गुजरात में चालीस लोगों की आंखों की रोशनी चली गई उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया ये संक्रमण, कोरोना की वजह से फैल रहा है और इसका इलाज हो सकता है। लेकिन अगर इलाज में देरी हो जाए या इलाज न मिले तो इससे मरीज की मौत भी संभव है लिहाजा इस तरह के लक्षण दिखने पर बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लेकर उनकी निगरानी में अपना इलाज शुरू कर देना चाहिए।

ब्लैक फंगस के लक्षण कब दीखते है ?

म्यूकोमाइकोसिस या काले फंगस के लक्षण कोरोना संक्रमण से ठीक होने के दो या तीन दिन बाद दिखाई देते हैं। कोरोना से ठीक होने के दो से तीन दिनों के भीतर, संक्रमण पहले साइनस में प्रकट होता है और फिर आंख में फैल जाता है। वहीं अगले 24 घंटे में ये फंगस दिमाग तक हावी हो सकता है। दिमाग पर हावी होने के बाद लोगों की यारदस्त जाने की भी खबरें सामने आ रही है लिहाजा कोरोना से जंग जीतने के बाद भी मरीज़ की जान से खतरा टलता नही है।

ब्लैक फंगस से किनको खतरा है

कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग अधिक जोखिम में हैं। मधुमेह के रोगियों को भी अधिक खतरा हो सकता है और स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोग इसके शिकार हो सकते हैं। ये सामान्य तौर पर उन मरीजों में ज्यादा देखा जा रहा है, जो कोरोना से ठीक हुए हैं और जिन्हें पहले से कोई बीमारी थी।
म्यूकोरमाइकोसिस के लक्षण कैसे होते हैं?

तेज सरदर्द और आंखों में लालपन इसके दो सामान्य लक्षण होते है। इसके बाद कई सामान्य लक्षण भी है जैसे आंखों से कम दिखना कमजोरी और सांस लेने में दिक्कत होना ये आम लक्षण है।

ब्लैक फंगस इंफेक्शन का खतरा

ब्लैक फंगस (म्युकर माइकोसिस) कैंसर की तरह मरीजों की हड्डियां तक गला रहा है। यह अपने आसपास की कोशिकाएं भी नष्ट कर सकता है। इसी तरह एसपरजिलोसिस फंगस भी कोविड मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है।

डॉ. हिमांशु का मानना है कि सामान्य लोगों की भेद्यता उचित है, और यह कि कोविद के रोगियों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है। ऐसे में उनके शरीर के किसी भी हिस्से पर फंगस उगने लगता है। संक्रमण की गंभीर वृद्धि के कारण फंगल रोगी भी बढ़ रहे हैं। इसके अलावा एस्परगिलोसिस के भी मरीज आ रहे हैं, लेकिन यह फंगस जानलेवा नहीं है क्योंकि इम्यून सिस्टम पर ब्लैक फंगस हावी है।
 
इतना ही नही अब ये ब्लैक फंगस वायरस कोरोना वायरस के मरीजों में भी मिल रहा है पहले ये वायरस केवल पोस्ट कोविड मरीजों में ही देखा जा रहा था। लिहाजा अब केवल कोरोना वायरस ही नहीं ब्लैक फंगस वायरस भी बेहद हावी होता दिख रहा है।


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Stay Home Stay Safe  

Written by - Salman Khan

Posted by - Rakesh Kumar Prajapati | TadkaBright.Com

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