कंप्यूटर आउटपुट डिवाइस की जानकारी हिंदी में - TadkaBright.Com

output device ki jankari hindi me
 
TadkaBright || दोस्तों कंप्यूटर क्या है ये सब जानते है और आज के युग में ज्यादातर काम कंप्यूटर से ही किये जाते है, धीरे-धीरे टेक्नोलॉजी में विकास होता जारा है ऐसे में हम आप कुछ ऐसे लोग भी है जो ये जानते है की कंप्यूटर में अनेको उपकरणों का इस्तेमाल होता है जेसे की कीबोर्ड, माउस, प्रिंटर और भी कई, लेकिन ये हम नही जानते की कोनसे उपकरण इनपुट डिवाइस है, कोनसे आउटपुट डिवाइस है और कोनसे इनपुट आउटपुट डिवाइस है। आज के इस लेख में आपको कंप्यूट आउटपुट डिवाइस की जानकारी हिंदी में मिलेगी।


कंप्यूटर सिस्टम अपने नजदीकी वातावरण से बातचीत करने के लिए इनपुट और आउटपुट डिवाइस का उपयोग करता है। कंप्यूटर के उपकरणों को तीन श्रेणियों में बाटा गया है (1) इनपुट डिवाइस, (2) आउटपुट डिवाइस और (3) इनपुट/आउटपुट डिवाइस। तो आइये इन उपकरणों के बारे में हम विस्तार से जानते है -
 
 
कंप्यूटर आउटपुट डिवाइस की जानकारी हिंदी में : -
 
जिस किसी भी इनपुट डिवाइस की मदद से हम कंप्यूटर में कुछ इनपुट करते है उसके बाद जिस डिवाइस में हमें आउटपुट मिलता है उसे आउटपुट डिवाइस कहते है जेसे की मॉनिटर, प्रिंटर, प्रोजेक्टर आदि और भी कही आउटपुट डिवाइस है। 
 

 
कंप्यूटर आउटपुट डिवाइस के उदाहरण निम्न है -
 
1. मॉनिटर (Monitor)

आउटपुट की सॉफ्ट कॉपी को डिस्प्ले करने (दिखाने) के लिए सबसे लोकप्रिय डिवाइस एक मॉनिटर है। हम मॉनिटर के दुआरा आउटपुट को स्क्रीन पर देख/पढ़ सकते है। इसलिये मॉनिटर प्रशिद्ध है आउटपुट दिखाने के लिए।
 
2. CRT मोनिटर 

CRT मोनिटर एक परम्परागत आउटपुट डिवाइस रहा है ये एक टीवी के समान होता है एक CRT मोनिटर एक बड़ी केथोड रे ट्यूब होती है जो की अलग अलग पॉवर की इलेक्ट्रान बीम का इस्तेमाल करके स्क्रीन के उपर पिक्चर बनाती है। मॉनिटर स्क्रीन का आकार विकर्ण रूप में इंच में मापा जाता है। मॉनिटर का रेजोल्यूशन पिक्सल्स में मापा जाता है, एक मॉनिटर कितने पिक्सेल्स स्क्रीन पर होरिजोंटेली और वर्टिकली दिखा सकता है, ये उसका रेजोल्यूशन कहलाता है। पिक्सेल्स बहुत ही छोटे डॉट्स से बने होते है, जिन्हें मिला कर किसी भी इमेज को स्क्रीन पर दिखाया जा सकता है। स्क्रीन पर डॉट्स के बीच की रिक्त जगह को डॉट पिच कहा जाता है। एक स्क्रीन में जितने छोटे डॉट पिच होंगे उस स्क्रीन पर पिक्चर की क्वालिटी उतनी ही बेहतर होगी। 
 
3.फ्लेट पैनल मोनिटर 

एक फ्लेट पैनल मोनिटर आमतोर पर कंप्यूटर से आउटपुट प्रदर्शित करने के लिए एक एलसीडी (लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले - LCD) का इस्तेमाल करता है। LCD कई पतली परतों से मिलकर बनती है, जब प्रकाश इन परतों से गुजरता है तो ये प्रकाश का ध्रुवीकरण करती है। एक परत का ध्रुवीकरण, जिसमे की लम्बे पतले अणु होते है, जिसको क्रिस्टल डिस्प्ले कहते है, इनको पिक्सेल लेवल पर नियंत्रित किया जा सकता है जिससे पिक्सेल को हल्का या गहरा बनाया जा सकता है। LED प्लाज्मा डिस्प्ले भी एक प्लेट पैनल तकनीक ही है, जो की आजकल सबसे अधिक इस्तेमाल की जाती है, ज्यादातर लैपटॉप में। 

CRT मोनिटर की तुलना में फ्लेट पैनल बहुत हल्का होता है। आज जो सबसे अधिक और नवीनतम एलसीडी इस्तेमाल की जाती है उसमे थिन फिल्म ट्रांजिस्टर इस्तेमाल में लिया जाता है। और हर एक पिक्सेल्स को नियंत्रित किया जाता है इसलिए पिक्चर क्वालिटी और व्यइंग एंगल बहुत बेहतर हुआ है। LED मॉनीटर्स लाइट एमिटिंग डायोड यूज़ केते है जो मॉनिटर में परफॉरमेंस बूस्टर का कम करती है। LED मोनिटर मूल रूप से LCD मॉनिटर है जिसमे LED backlight लगा हुआ है जो एलसीडी पैनल को रौशनी और शक्ति प्रदान करता है। 
 


4. प्रिंटर (Printer) 

प्रिंटर इनफार्मेशन को स्थायी पठनीय प्रारूप में प्रदान करता है जिसे हम हार्ड कॉपी कहते है। आम तोर पर आउटपुट एक कागज पर छपा होता है। प्रिंटर आउटपुट की क्वालिटी डॉट्स प्रति इंच में मापी जाती है। प्रिंटर को मोटे तोर पर इम्पैक्ट और नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर में वर्गीकृत किया जा सकता है। 
 
प्रिंटर के प्रकार : -
 
 (1) इम्पैक्ट प्रिंटर 
    
  (i) कैरेक्टर प्रिंटर - इस प्रकार के प्रिंटर आम तोर पर एक समय में एक कैरेक्टर प्रिंट कर सकते है। कैरेक्टर प्रिंटर के सबसे लोकप्रिय उदाहरण डॉट मेट्रिक्स प्रिंटर और डेजी व्हील प्रिंटर है। डॉट मेट्रिक्स प्रिंटर प्रिंट हेडर में छोटे छोटे सक्रिय पिन होते है और साथ में एक इंक वाला रिबन होता है जो इम्पैक्ट से इमेज बनाता है। ये प्रिंटर आम तोर पर धीमे होते है और शोर भी करते है। इन प्रिंटरो का इस्तेमाल बड़े बड़े व्यापारिक या व्यावसायिक काम काज में किया जाता है जहा 80 और 132 कॉलम के पेजों पर सतत प्रिंट की जरुरत होती थी।

  (ii) लाइन प्रिंटर - लाइन प्रिंटर एक बार में एक पूरी लाइन प्रिंट करता है। परम्परागत रूप से लाइन प्रिंटर, चैन प्रिंटर और ड्रम प्रिंटर के रूप में वर्गीकृत किये जा सकते है। इस प्रकार के प्रिंटर में एक प्रिंट हेड का इस्तेमाल होता है जो की बहुत सारी पिनो के विधुत यांत्रिकी की मदद से पेपर तथा प्रिंट हेड के मध्य उपस्थित एक रिबन के बार बार छूने से वांछित अक्षरों को पेपर पर प्रिंट आकार देती है। इसकी गति प्रिंटर के गुणों के अनुसार 200 से 2000 लाइन पर मिनट हो सकती है। 
 


 (2) नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर
 
    आमतोर पर नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर ज्यादा तेजी से प्रिंट करते है नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर इम्पैक्ट प्रिंटर की तुलना में और बिना आवाज या कम आवाज के साथ काम करते है। ये कैरेक्टर को प्रिंट करने के लिए इम्पैक्ट वाली डिवाइस का उपयोग नही करते है। कुछ लोकप्रिय नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर निचे है - 
 
  (i) इंक-जेट प्रिंटर - घर में उपयोग के लिए प्रिंटर का सबसे आम प्रकार कलर इंक जेट प्रिंटर है। ये प्रिंटर प्रिंट हेड से स्याही की छोटी बूंदों के छिडकाव की मदद से पेज की इमेज का निर्माण करते है रंग चित्र (Color Image) बनाने के लिए प्रिंटर को स्याही के कई रंगों की जरुरत होती है।  ये प्रिंटर अपेक्षाकृत  सस्ते होते है, लेकिन प्रिंटर में इस्तेमाल होने वाले कनज्युमेबल जेसे प्रिंटर कार्टिज की लागत उन्हें लम्बे समय के उपयोग के हिसाब से महंगा बना देती है। 

  (ii) लेज़र प्रिंटर - लेज़र प्रिंटर कार्यालय और व्यावसायिक प्रयोजन के लिए अच्छी क्वालिटी पिक्चर का उत्पादन करता है। लेज़र प्रिंटर में फोटोसेंसेटिव सामग्री के साथ लेपित ड्रम को चार्ज किया जाता है, उसके बाद एक लेज़र या LED की मदद से ड्रम पर इमेज (पिक्चर) का निर्मल किया जाता है। फिर ड्रम टोनर की मदद से घूमता है  और कागज पर जमा हो जाता है और हिट के कारण कागज से जुड़ जाता है। 
    ज्यादातर लेज़र प्रिंटर मोनोक्राम होते है। परन्तु अधिक महंगे लेज़र प्रिंटर एक से अधिक रंग वाले टोनर कोर्त्रेज वाले भी होते है, जो रंगीन आउटपुट प्रदान करते है। लेज़र प्रिंटर इंक जेट प्रिंटर की अपेक्षा अधिक तेज होते है, इन प्रिंटरो की गति कू पेजेज प्रति मिनट में मापा जाता है। 

  (iii) थर्मल प्रिंटर - यह स्पेशल पेपर पर प्रिंट करने के लिए गर्म तत्वों का उपयोग करता है। इसका सबसे ज्यादा उपयोग ATM से निकलने वाली रसीद की छपाई में किया जाता है। हिट सम्वेदनशील कागज प्रयोग किया जाता है। इसकी मुद्रण लागत अधिक है इसलिए केवल पेशेवर कला और डिजाईन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 

  (iv)  प्लॉटर प्रिंटर - प्लॉटर का इस्तेमाल इंजीनियरिंग की उच्च गुणवता वाली कलाकर्तियों, बिल्डिंग प्लान, सर्किट डायग्राम आदि को प्रिंट करने के लिए किया जाता है। ये प्रिंटर ग्राफ़िक्स एवम कलाकर्तियों को इंक पेंस या इंकजेट की मदद से प्रिंट करते है आमतोर पर ड्रम प्लॉटर और फ्लैट बेड प्लॉटर होते है। 
 


(5) स्पीकर (Speaker) 

यह मल्टीमीडिया कंप्यूटर का एक हिस्सा है। स्पीकर ध्वनि विस्तारक (Amplifiers) का इस्तेमाल करते है जो कम्पन के दुआरा ध्वनि का निर्माण करते है और ऑडियो आउटपुट प्रदान करते है। 

(6) मल्टीमीडिया प्रोजेक्टर (Multimedia Projector)

लोगो की एक बड़ी संख्या के लिए कंप्यूटर आउटपुट प्रदर्शित करने के लिए, मल्टीमीडिया प्रोजेक्टर का इस्तेमाल किया जाता है। यह व्यापक रूप से मीटिंग्स और कांफ्रेंस के दौरान प्रेजेंटेशन दिखाने के लिए इस्तेमाल में लिया जाता है।
 
 
 
अगर आपको हमारी ये आज की पोस्ट अच्छी लगी तो आप इसे शेयर जरुर करे और निचे एक कमेंट भी कर दे, और ऐसी ही पोस्ट पढने के लिए पेज के सबसे निचे तक जाए और email डाल कर सदस्यता ले, ऐसा करने से हमारी नई पोस्ट की जानकारी तुरंत मिल जाएगी। धन्यवाद !
 
Posted By - Manish Kumar Gangotri | TadkaBright.Com
 
 

Post a Comment

If you have any doubts. Please let me know.

और नया पुराने