TadkaBright || दोस्तों कंप्यूटर क्या है ये सब जानते है और आज के युग में ज्यादातर काम कंप्यूटर से ही किये जाते है चाहे वो लेखे जोखे का हो या पेसो की अदला बदली का हो या किसी नौकरी के लिए आवेदन भरना हो सभी कंप्यूटर से ही किये जाते है। काम दो तरह के होते है ऑफलाइन और ऑनलाइन, ऑफलाइन काम वो होते है जो पुराने समय से चलते है जिनमे दस्तावेजो के दुआरा काम हो जाता है और ऑनलाइन काम वो है जो अधिकतर कंप्यूटर के दुआरा किये जाते है।
धीरे-धीरे टेक्नोलॉजी में विकास होता जारा है ऐसे में हम आप कुछ ऐसे लोग भी है जो ये जानते है की कंप्यूटर में अनेको उपकरणों का इस्तेमाल होता है जेसे की कीबोर्ड, माउस, प्रिंटर और भी कई, लेकिन ये हम नही जानते की कोनसे उपकरण इनपुट डिवाइस है, कोनसे आउटपुट डिवाइस है और कोनसे इनपुट आउटपुट डिवाइस है। आज के इस लेख में आपको कंप्यूट इनपुट डिवाइस की जानकारी हिंदी में मिलेगी।
कंप्यूटर सिस्टम अपने नजदीकी वातावरण से बातचीत करने के लिए इनपुट और
आउटपुट डिवाइस का उपयोग करता है। कंप्यूटर के उपकरणों को तीन श्रेणियों में
बाटा गया है (1) इनपुट डिवाइस, (2) आउटपुट डिवाइस और (3) इनपुट/आउटपुट डिवाइस। तो आइये इन उपकरणों के बारे में हम विस्तार से जानते है -
कंप्यूटर इनपुट डिवाइस की जानकारी हिंदी में -
कंप्यूटर इनपुट डिवाइस एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसकी मदद से हम कंप्यूटर में कोई भी डाटा इनपुट कर सकते है। इसकी मदद से हम कंप्यूटर से सारा काम करवा सकते है। इनमे ज्यादातर हम कीबोर्ड और माउस का इस्तेमाल करते है कीबोर्ड से हम लिखने का काम करते है और माउस की मदद से क्लिक और सेलेक्ट करने का काम करते है। इनपुट डिवाइस एक हार्डवेयर है जिससे हम कंप्यूटर को कण्ट्रोल करते है।
कंप्यूटर इनपुट डिवाइस के उदाहरण निम्न है -
1. कीबोर्ड (KeyBoard) :
कंप्यूटर इनपुट डिवाइस कीबोर्ड सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला डिवाइस है इसकी मदद से हम कंप्यूटर में अक्षर (Alphabets), संख्या (Numbers) और विशेस करैक्टर (Special Characters) को कंप्यूटर में इनपुट करते है। कीबोर्ड का इस्तेमाल कंप्यूटर को किसी विशेस कार्य आदेशित करने के लिए भी कर सकते है। एक कीबोर्ड में नमरिक (Numeric) एवं अल्फाबेटिक (Alphabetic) बटन (Keys) होते है। जिसका इस्तेमाल Text और Numeric डाटा इनपुट करने के लिए किया जाता है। कीबोर्ड पर कई तरह के एडिटिंग बटन होते है एवं फंक्शन बटन भी होते है जो सीधे फंक्शन को शुरू करने के काम में ली जाती है। Caps Lock, Scroll Lock एंड Num Lock को टॉगल key कहा जाता है जो किसी विशेष फीचर को चलाने और बंद करने के काम आती है। Ctrl/Alt Key को कॉम्बिनेशन Key भी कहते है क्योंकि यह दूसरी keys के साथ में प्रयोग में ली जाती है। अधिकतर कीबोर्ड नंबर्स इनपुट करने के लिए अलग संख्यात्मक कीपैड के साथ आते है।
2. पॉइंटिंग डिवाइस (Pointing Device) :
GUIs (ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस) जो बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किये जाते है, कंप्यूटर में स्क्रीन पर कर्सर की स्थिति दिखाने के लिए पॉइंटिंग डिवाइस की आवश्यकता होती है। पॉइंटिंग डिवाइस के प्रकार : - माउस, ट्रैकबॉल, टच पैड, ग्राफ़िक्स टेबलेट, ट्रैक बिंदु, जॉयस्टिक एवं टच स्क्रीन। अधिकतर पॉइंटिंग डिवाइस कंप्यूटर से एक USB पोर्ट के माध्यम से जुड़े होते है।
3. माउस (Mouse) :
माउस सबसे प्रसिद्ध पॉइंटिंग डिवाइस है जो हाथ के साथ काम करता है आजकल ऑप्टिकल माउस का प्रचलन है जिसमे एक प्रकाश और छोटे सेंसर का इस्तेमाल किया जाता है। जो मेज की सतह के एक छोटे से भाग से माउस की मूवमेंट का पता लगाने के लिए इस्तेमाल होता है। यह तार रहित या वायरलेस माउस रेडियो तरंगो के माध्यम से कंप्यूटर के साथ संचार बनाये रखता है। माउस में स्क्रॉल बटन भी होता है जो की GUI के साथ काम करने में सहायक हो सकता है। पारंपरिक PC माउस में 2 बटन होते है जबकि मेकिनटोश माउस में एक बटन होता है।
4. टच-पैड (Touch Pad) :
आजकल ज्यादातर लैपटॉप कम्प्यूटर्स में एक टच पैड पोंटिंग डिवाइस आती है। यूजर टच पैड की सतह पर अपनी उंगलियों को फिसला कर या फिरा कर स्क्रीन पर कर्सर को एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकता है। उसमे आपको निचे 2 बटन देखने को मिलेंगे वो लेफ्ट और राइट बटन है आप क्लिक कर सकते है सेलेक्ट कर सकते है।
5. ट्रैक पॉइंट (TrackPoint) :
IBM थिंक पैड जिसमे टच पैड के लिए जगह नहीं होती है, इसलिए इसके अन्दर एक ट्रैक पॉइंट होता है जो की एक छोटी रबर प्रोजेक्शन कीबोर्ड की Keys के बीच एम्बेडेड होता है। ट्रैक पॉइंट एक छोटे जोयस्टिक की तरह कार्य करता है इसे कर्सर की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
6. ट्रैकबॉल (TrackBall) :
ट्रैकबॉल माउस की तरह ही होता है, जिसमें बॉल टॉप पर स्थित होती है। हम ट्रैकबॉल को रोल करने के लिए उंगलियों का उपयोग करते हैं, और आंतरिक रोलर्स इस मूवमेंट को सेन्स करके निर्देशों को कंप्यूटर तक पहुंचाते हैं। ट्रैकबॉल डेस्क पर स्थिर बनी रहती है, और इसकी वजह से हमें ट्रैकबॉल का उपयोग करने के लिए बहुत ज्यादा जगह की जरुरत भी नहीं होती है। आजकल ऐसे ऑप्टिकल ट्रैकबॉल उपलब्ध हैं जिनमें रोलर्स की जरुरत नहीं होती है, जिससे व्हील्स के गंदे होने की भी कोई समस्या नहीं होती है।
7. जॉयस्टिक्स (Joysticks) :
जॉयस्टिक्स और दुसरे गेम कंट्रोलर्स भी पोइंटिंग डिवाइस के रूप में कंप्यूटर से जोड़ सकते है। ये आम तोर पर गेम खेलने के लिए इस्तेमाल किये जाते है।
8. ग्राफ़िक्स टेबलेट (Graphics Tablet) :
ग्राफ़िक्स टेबलेट में इलेक्ट्रॉनिक लिखने की जगह होती है जिसमे स्पेशल पेन का इस्तेमाल किया जाता है। ग्राफ़िक्स टेबलेट की मदद से आर्टिस्ट ग्राफिकल इमेज बना सकता है, जैसा की परंपरागत ड्राइंग डिवाइस में किया जाता है। ग्राफ़िक्स टेबलेट का पेन दबाव के प्रति सेंसिटिव होता है, जिसके परिणाम सवरूप ज्यादा या कम दबाव पड़ने पर वो अलग अलग चोड़ाई के ब्रश स्ट्रोक प्रदान करता है।
9. स्कैनर (Scanner) :
एक स्कैनर प्रिंटेड पेज या ग्राफ़िक का डिजिटललीकरण करता है, उसको छोटे छोटे पिक्सेल्स वाली इमेज में परिवर्तित करके कंप्यूटर को संचारित करता है। यह लेज़र टेक्निक का उपयोग करके प्रिंटेड इनफार्मेशन को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में परिवर्तित करता है। स्कैनर किसी भी तरह की इनफार्मेशन को स्कैन कर सकता है जेसे हाथ से लिखा हुआ टेक्स्ट इमेज चित्र प्रिंटेड प्रष्ट आदि। एक बार स्केन होने के बाद स्कैन्ड इनफार्मेशन को कंप्यूटर में स्टोर किया जा सकता है या फिर प्रिंटर की मदद से प्रिंट किया जा सकता है।
10. मिडी (MIDI) :
मिडी (म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट डिजिटल इंटरफ़ेस - संगीत यंत्र डिजिटल इंटरफ़ेस) एक प्रणाली है जो इलेक्ट्रॉनिक संगीत वाध्य यंत्र के बीच सुचना प्रसारित करने के लिए डिजाईन किया गया है। इनकी मदद से मिडी कीबोर्ड को कंप्यूटर से जोड़ा जा सकता है और एक कलाकार कंप्यूटर सिस्टम की मदद से कैप्चर किये हुए संगीत को चला सकता है।
11. मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रिकॉग्निशन (MICR) :
मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रिकॉग्निशन कोड (MICR Code) एक कैरेक्टर पहचानने की तकनीक है, जो मुख्य रूप से बैंकिंग उद्योग दुआरा प्रोसेसिंग को कम करने तथा चेक और अन्य दस्तावेजो की क्लीयरिंग में काम आता है। यह MICR Code कैरेक्टर को डिजिटल डाटा में बदल देता है जो कंप्यूटर समझ सकता है।
12. ऑप्टिकल मार्क रीडर (OMR) :
यह एक विशेष स्कैनर है जो पेंसिल या पेन की मदद से किये गए निशान को एक पूर्व निर्धारित प्रकार की पहचान करने के लिए उपयोग होता है। सबसे आम उदाहरण परीक्षाओ में इस्तेमाल किये जाने वाली उत्तर पुस्तिका, OMR उत्तर पुस्तिका को स्कैन कर आउटपुट के रूप में परिणाम का उत्पादन करने के लिए प्रयोग किया जाता है। OMR सर्वेक्षण, चुनाव और परीक्षणों में भी प्रयोग किया जाता है।
13. ऑप्टिकल कैरेक्टर रेकोग्निशन (OCR) :
ऑप्टिकल कैरेक्टर रेकोग्निशन (ऑप्टिकल कैरेक्टर रीडर - OCR) मशीन एनकोडेड फॉर्म में इमेज, प्रिंटेड टेक्स्ट का इलेक्ट्रॉनिक रूपांतरण करता है। यह व्यापक रूप से स्वचालित ऑटोमेटेड डाटा एंट्री के लिए इस्तेमाल किया जाता है जेसे OCR उसे करके प्रिंटेड पेपर डाटा रिकार्ड्स, पासपोर्ट दस्तावेजो, बैंक चालान, बैंक स्टेटमेंट, कम्प्यूटरीकृत रसीदे, बिजनेस कार्ड, मेल आदि के डाटा को स्कैन करके डिजिटल फॉर्म में परिवर्तित कर सकते है। यह प्रिंटेड टेक्स्ट्स को डिजिटलाइज करने का सबसे साधारण तरीका है, जिससे यह डाटा इलेक्ट्रॉनिक रूप से एडिट, सर्च, ऑनलाइन डिस्प्ले किया जा सकता है और इसके बाद इसको मशीन प्रक्रियाओं जैसे मशीन अनुवाद, टेक्स्ट का स्पीच में परिवर्तन और पाठ खनन (Text Mining) में उपयोग कर सकते है।
14. बार कोड रीडर (BCR) :
बार कोड रीडर एक वस्तु को मशीन दुआरा विशिस्ट रूप से पहचानने का एक तरीका है। हर एक वस्तु को विशिस्ट रूप से पहचानने के लिए एक कोड दिया जाता है जिसे एक मशीन के दुआरा पढ़ा जा सकता है। मूल रूप से बार कोड को सामानांतर लाइनों के बीच की दुरी एवम उनकी चोड़ाई में अंतर कर के विशिस्टता दी जा सकती थी लेकिन बाद में दो आयामों में आयत, डॉट्स, षटकोण और अन्य ज्यामितिय आकारों में विकसित हुआ। ये विशेष रूप से शोपिंग मॉल एवम डिपार्टमेंटल स्टोर में क्विक बिलिंग और सूचि प्रबंधन (इन्वेंट्री मैनेजमेंट) के लिए उपयोग किया जाता है। एक विशेष हैंडहेल्ड डिवाइस (बार कोड रीडर) जो की कंप्यूटर से जुड़ा होता है जिसे बार कोड पढने और आइटम की पहचान करने के लिए इस्तेमाल करते है।
15. स्पीच रिकग्निशन डिवाइस (माइक्रोफोन -MicroPhone)
माइक्रोफोन एक इनपुट डिवाइस है जिसका इस्तेमाल ऑडियो डाटा को कंप्यूटर में इनपुट के लिए किया जाता है। यह एक वायर के दुआरा कंप्यूटर से जुड़ा हो सकता है जिसमे एक माउथपिस जेसी डिवाइस को ऑडियो कैप्चर करने के लिए उपयोग किया जाता है।
16. वेबकैम (WebCam) :
यह एक कंप्यूटर से जुड़ा डिजिटल कैमरा है और कंप्यूटर के माध्यम से कंप्यूटर नेटवर्क में इमेज विडियो को कैप्चर करके कंप्यूटर में फीड करने में काम आता है। डिजिटल कैमरा इनपुट वस्तु पर फोकस कर के पिक्चर लेता है और उसको डिजिटल रूप में परिवर्तित करता है जिससे उसे कंप्यूटर में स्टोर किया जा सके आसानी से।
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Posted By - Manish Kumar Gangotri | TadkaBright.Com
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