TadkaBright || आज 15 अगस्त है। आप सभी को 15 अगस्त की हार्दिक शुभकामनाएं हमारे देश को आजाद हुए आज 74 साल पूरे हो गए हर साल 15 अगस्त को हम बहुत धूमधाम से मनाते हैं, क्योंकि इस दिन हमारे देश आजाद हुआ था इसके लिए और हमारे देश को आजाद कराने
के लिए कई लोगों ने अपनी जान की कुर्बानी तक दे दी थी तो आइए जानते हैं कि
आजादी से पहले देश की क्या स्थिति थी।
आजादी से पहले भारत देश की स्थिति
"आजादी से पहले देश की स्थिति" जब भारत देश आजाद हो रहा था तो आजादी के साथ भारत और पाकिस्तान दोनों अलग-अलग हो गए थे क्योंकि उस समय मोहम्मद अली जिन्ना जो कि पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री हैं वह यह चाहते थे कि की भारत से अलग होकर पाकिस्तान एक अलग देश बने।
भारत और पाकिस्तान के बीच बटवारा करा और उस समय के मुख्य तीन किरदार है जिसमें है।भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल और मोहम्मद अली जिन्ना इन तीनों ने मिलकर भारत और पाकिस्तान के बंटवारे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
तीनों नेताओं के प्रति माउंटबेटन की सोच
अब हम यह जानते हैं कि उस समय के भारत के वाइस रॉय जो बंटवारे करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे उनकी सोच इन तीनों नेताओं के प्रति क्या थी। "तीनों नेताओं के प्रति माउंटबेटन की सोच"
भारत के आखिरी वॉइस रॉय लार्ड माउंटबेटन सोच जवाहरलाल नेहरू के प्रति एक ही वह अपनी बात रखते हैं परंतु अगर कोई व्यक्ति उनसे अच्छी बात रखता है तो वह कमजोर हो जाते हैं और माउंटबेटन सरदार वल्लभ भाई पटेल के बारे में यह सोचती थी कि वह अपनी बात को बहुत ही मजबूती से रखते हैं, और वह अपनी बात पर अरे रहते हैं और माऊ माऊ माउंटबेटन मोहम्मद अली जिन्ना के बारे में सोचते की थी कि वह टेढ़े स्वभाव के व्यक्ति हैं।
भारत पाकिस्तान के बंटवारे से पहले नेता बैठक में क्या करते थे
जब भारत पाकिस्तान का बंटवारा हो रहा था तो उस समय बैठक में ऐसे कई नेता थे कि जो बैठक मैं बोर हो जाते थे और पेन कागज लेकर चित्रकारी करने लग जाते थे उनमें से एक नेता मोहम्मद अली जिन्ना थे। "भारत पाकिस्तान के बंटवारे से पहले नेता बैठक में क्या करते थे"
बैठकों में बोर हो जाते थे और पेन और कागज लेकर चित्रकारी करने लग जाते थे और और भी कई नेता है जो उस देश के बंटवारे को लेकर गंभीर नहीं थे और उन्हें एक अलग ही चिंता खाए जा रही थी।
जब देश का बंटवारा हो रहा था तो सभी बड़े चिंतित थे परंतु मोहम्मद अली जिन्ना अपनी सिगार को लेकर चिंतित है क्योंकि उनकी सिगार देहरादून से आती थी और बंटवारे के बाद देहरादून भारत में रह गया था।
देश के क्या हालात थे बंटवारे से पहले
जब बंटवारा हुआ उससे पहले लोगों ने अपने बैंक अकाउंट में से पैसे निकालना शुरू कर दिए थे और उस समय 1947 में देश के लोगों द्वारा 6 करोड रुपए बैंक खातों से निकाले गए और अकेले मोहम्मद अली जिन्ना ने भी खाते में से अपने 8 लाख रुपए निकाल लिए। "देश के क्या हालात थे बंटवारे से पहले"
देश में बंटवारे के लेकर सभी लोग बहुत चिंतित थे हम लोग चाहते थे बहुत कम लोग चाहते थे कि देश का बंटवारा हो परंतु देश का बंटवारा हो गया और यह देशवासियों को छूट दे दी गई क्या की गई ।
जो पाकिस्तान में रहना चाहता है वह पाकिस्तान चला जाए और जो हिंदुस्तान में रहना चाहते हैं हिंदुस्तान में रहे।
लार्ड माउंटबेटन का अपनी बेटी को लिखा एक खत
जब भारत पाकिस्तान का बंटवारा हो रहा था तो बंटवारे की रूपरेखा कर रहे लॉर्ड माउंटबेटन ने इंग्लैंड में रह रही अपनी बेटी को एक छात्र ने खत लिखा जिसमें उन्होंने लिखा कि मैं एक बहुत ही गहरे संकट में फंस गया हूं, और अब तो मैं खुद भी है भारत में नहीं रहना चाहता क्योंकि मेरे गलत निर्णय की वजह से यहां बंटवारे का संकट आ गया है और मोहम्मद अली जिन्ना की को मैंने समझने में देर कर दी इसलिए अब भारत में संकट आ चुका है और मैं अब यहां से वापस इंग्लैंड वापस आना चाहता हूं। "लार्ड माउंटबेटन का अपनी बेटी को लिखा एक खत"
बंटवारे के समय ब्रिटेन की मांग
ब्रिटनी चाहता था कि भारत और पाकिस्तान का बंटवारा से तो तो उनके उनके देश के झंडे में इंग्लैंड के देश के झंडे का कुछ अंश दिखना चाहिए। "बंटवारे के समय ब्रिटेन की मांग"
यह ब्रिटेन की मांग थी परंतु जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना ने दोनों ने इस मांग को खारिज कर दिया अगर उस समय यह मांग लेते तो आज हमारे देश के झंडे में भी ब्रिटेन के झंडे का कुछ अंश दिखाई देते।
स्वतंत्रता दिवस को लेकर पाकिस्तान में कन्फ्यूजन
विश्व में पाकिस्तानी एक ऐसा देश है जिसे अभी तक यह नहीं पता चला कि उसकी आजादी 14 अगस्त को वित्तीय 15 अगस्त बारे में वह अभी भी इस पर विवाद होते हैं परंतु उनकी बात यह है कि पाकिस्तान तो कभी गुलाम नहीं था। "स्वतंत्रता दिवस को लेकर पाकिस्तान में कन्फ्यूजन"
वह तो भारत से निकला है तो पाकिस्तान क्यों बनाता है स्वतंत्रता परंतु पाकिस्तान को अपने स्वतंत्रा दिवस को लेकर ही कंफ्यूजन है मैं कभी अपना स्वतंत्र दिवस 15 अगस्त को बताता है तो कभी 14 अगस्त को स्वतंत्र दिवस बताता है।
इससे संबंधित कई सारे तथ्य सामने आए पाकिस्तान के डाक टिकट पर लिखा हुआ है 15 अगस्त इसमें भी कई सारी कन्फ्यूजन है जो आप पाकिस्तान के पता है वही जाने।
|| जय हिन्द जय भारत ||
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Posted By - Vishal Rajvanshi | TadkaBright.Com
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