TadkaBright || आज हम अपको जयपुर के इतिहास के बारे मे बताते है जयपुर को पहले जयनगर के नाम से भी जानते थे जयपुर को राजस्थान का पेरिस भी कहते है इसका निर्माण महाराजा सवाई जयसिंह दितीय ने 18 नवम्बर सन 1727 मे करवाया ।
तो आइये जानते है जयपुर नगर के प्रमुख पर्यटन स्थल और प्राचीन मंदिर के बारे मे -
जयपुर के नरेश सवाई रामसिंह दितीय ने 1863 मे प्रिंस अलबर्ट के जयपुर आने की खुशी मे जयपुर नगर की सारी इमारतो को गुलाबी रंग से पुतवाया । इसी कारण जयपुर को गुलाबी नगर के नाम से भी जाना जाता है । जयपुर नगर मे प्रमुख एतिहासिक स्थल है जो जयपुर को एक अगल पहचान देते है ।
तो आइये जानते है जयपुर नगर के प्रमुख पर्यटन स्थल और प्राचीन मंदिर के बारे मे -
शील माता मन्दिर ( चाकसू )
यह मन्दिर चाकसू की एक पहाड़ी पर स्थित हैं इस मन्दिर का निर्माण जयपुर के महाराजा श्री माधोसिंह जी ने करवाया । मन्दिर के पुजारी कुम्हार जाती के ही होते है ।
आमेर की शीलामाता मन्दिर
यह मन्दिर आमेर का बहुत ही प्रसिद्द मन्दिर है यहाँ पर देश-विदेश से घुमने के लिए आते है इस मन्दिर का निर्माण महाराजा मानसिंह दितीय ने करवाया था और शीला माता की मूर्ति राजा मानसिंह प्रथम ने 1604 ई. मे बंगाल से लाये थे । यह देवी माँ कच्छवाह राज परिवार की कुलदेवी है।
जयपुर का हवामहल
यह महल पुरा गुलाबी रंग से पुता हुआ है यह महल जयपुर मे विख्यात है इसका निर्माण सन् 1799 मे सवाई प्रतापसिंह ने करवाया था इस महल मे 5 मंजिल व 52 खिड़किया है इसे हवामन्दिर के नाम से भी जाना जाता है ।
जलमहल
यह महल मानसागर झील मे स्थित है इस महल का निर्माण सवाई जयसिंह ने करवाया था । इस झील की प्रमुख बात ये है की महल पानी के बिच मे स्थित है।
सिटी पेलेस ( चन्द्रमहल)
इसका निर्माण सवाई जयसिंह द्वारा करवाया गया ।
यहा पर जयपुर का राजपरिवार निवास करता था ।
जयनिवास उधान
यह उधान चन्द्रमहल के सामने स्थित है इस के उत्त्त्तर मे ताल कटोरा स्थित हैं । इस उधान के बिचौ-बिच गोविंद देव जी का मन्दिर बना हुआ है ।
जन्तर-मन्तर
यह वेधशाला सवाई मानसिंह द्वारा सन् 1734 मे बनवाई थी यह वेधशाला सबसे बड़ी है । यहा पर रायमंत्र (उचाई मापने के लियें) प्रसीद्द है ।
अलबर्ट हाल ( म्यूजियम)
यह म्यूजियम प्रिंस अलबर्ट द्वारा यह शिलान्यास
मे बदल कर इमारत भारतीय और फारसी शेली से मिलकर बनाया गया है।
सामोद महल
इस महल का निर्माण राजा बिहारीदास ने करवाया था।
मांजी का बाग
इस महल का निर्माण सन् 1729 मे राजा सवाई जयसिंह ने अपने प्रेम के लिय बनवाया था।
विश्व वृक्ष उधान
यह उधान झलाना डुंगरी पृवतीय अंचल मे स्थित है। इसकी स्थापना 21 मार्च 1986 को की गयी ।
आमेर दुर्ग
यह दुर्ग राजा मानसिंह प्रथम द्वारा सन् 1592 मे निर्माण कराया गया । बादशाह ओरंगजेब ने आमेर का नाम मोमिनाबाद रखा । यहा की शीशमहल, जगत शिरोमणि मन्दिर , मावटा जलशय , केसर क्यारी आदि दर्शनीय है।
जयगढ़ दुर्ग
यह दुर्ग जयपुर का प्रमुख दुर्ग है । इसके निर्माता राजा मानसिंह प्रथम द्वारा सन् 1600 ईसवी मे किया गया ।
इस दुर्ग को विजयगढ़ के नाम से भी जानते है।
नाहरगढ़ दुर्ग
इस दुर्ग को सुदर्शनगढ़ के नाम से भी जना जाता है ।
इसका निर्माण 1734 ईसवी मे मराठों के विरूध सुरक्षा की दृष्टि से निर्माण करवाया । इसमे 9 महल एक जैसे है।
जयपुर के अन्य एतिहासिक स्थल निम्न है-
शाकम्भरी माता का मन्दिर
पदमपुर-बाड़ा
रामबाग
नाटाणी का बाग
अशोक बिहार
गेटोर की छतरिया
कनक मन्दिर
विराटनगर
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