महात्मा गांधी जी उस समय कहां थे जब देश आजादी का जश्न मना रहा था - TadkaBright.Com

jab bharat desh aazad ho raha tha tab gandhi ji kaha the
 
TadkaBright || हमारे देश को आजाद आजाद हुए हुए आज 74 साल बीत चुके हैं परंतु जब भारत देश आजाद हुआ था तो उस समय संसद के सेंट्रल हॉल में देश को आजाद कराने वाले सभी क्रांतिकारी वहां पर मौजूद थे वहां पर नहीं थे तो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी वह उस समय कहां पर थे आइए जानते हैं।
 
जब देश आजाद हो रहा था तो गांधी जी कहां थे?
 
15 अगस्त 1947 को अंग्रेज भारत छोड़कर जा रहे थे तो उस समय भारत में उस समय आजादी की लहर दौड़ रही थी और सभी देशवासी बेहद खुश थे और उस दिन देश के अंदर आजाद होने का जश्न बन रहा था। हर तरफ खुशी और उल्लास था और उस दिन संसद में के सेंटर हॉल में जवाहरलाल नेहरू सरदार वल्लभभाई पटेल और नेता व क्रांतिकारी आजादी का जश्न मना रहे थे। "जब देश आजाद हो रहा था तो गांधी जी कहां थे?"

परंतु उन सबके बीच में जिन्होंने हमारे भारत देश को आजाद कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई वह दिखाई नहीं दे रहे थे हमारे देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी क्योंकि वह उस समय बंगाल में थे। जब देश आजाद हो रहा था तो उस समय बंगाल में हिंदू और मुस्लिमों के बीच धार्मिक हिंसा हो रही थी और दंगे हो रहे थे एक तरफ देश की आजादी का जश्न मन रहा था तो दूसरी तरफ बंगाल के अंदर से  दंगे में जल रहे था ऐसी स्थिति में महात्मा गांधी बंगाल चले गए थे

क्योंकि वह वहां पर दंगे रोकने में लगे हुए थे वहां पर दंगे रोकने के लिए अनशन पर बैठे थे और वहां बंगाल के के गांव-गांव जाकर हिंदू और मुस्लिमों को समझाया यह ऐसा समय जब एक तरफ आजादी का जश्न मनाया जा रहा था वह दूसरी तरफ महात्मा गांधी दंगे रोकने में व्यस्त थे।
 
जवाहरलाल नेहरू व सरदार वल्लभभाई पटेल की चिट्ठी पर गांधी जी का जवाब
 
जब बंगाल अंदर से जल रहा था तो उस समय भारत अंग्रेजों की गुलामी सेे मुक्त और वह समय भारत की आजादी का था उस समय महात्मा गांधी बंगाल के दंगों को रोकने के लिए वहां पर बंगाल मेंं लगे, तो उस समय दिल्ली से जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल की  महात्मा गांधी के पास चिट्टी पहुंची उस  चिट्ठी मैं लिखा हुआ था कि भारत अब आजाद हो गया है हम सब यह चाहतेे हैं।

हमारे देश के राष्ट्रपिता से आशीर्वाद लेकर इस देश को आगे बढ़ाएं कृपया करके आप दिल्ली के लिए प्रस्थान कीजिए यह चिट्ठी पढ़कर महात्मा गांधी जी को बहुत ही गुस्सा आया उन्होंने इस चिट्ठी के जवाब में महात्मा गांधी ने लिखा कि आप दोनों कैसी मूर्खतापूर्ण बात कर रहे हैं यहां पर बंगाल में हिंसा हो रही है और मैं दिल्ली में आकर आप दोनों को आशीर्वाद दूं यहां पर बंगाल जल रहा है और आप चाहते हैं कि मैं दिल्ली में आकर आजादी के जश्न में शामिल हो जाऊं। क्या आपको पता नहीं है कि बंगाल भी भारत का ही हिस्सा है
 
इस कारण से हमारे देश के राष्ट्रपिता देश की आजादी के जश्न में शामिल नहीं हो सके इसलिए आज हम के भारत की आजादी की पहले की फोटो या  वीडियो देखते हैं तो उसमें महात्मा गांधी नजर नहीं आते।


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